प्राथमिक प्रधान पाठक पदो में अब तक पदोन्नति प्रक्रिया पूर्ण नहीं करने वाले जिला शिक्षाधिकारियो को तत्काल पदो से हटाए राज्य सरकार ….. …. गैर पदोन्नत सभी जिलों में काउंसलिंग से हो पोस्टिंग – जाकेश साहू

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रायपुर // -प्रदेश के आधे से अधिक जिलों में प्राथमिक प्रधान पाठक के पदों पर पदोन्नति की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं की गई है। जबकि इसके उलट दुर्ग संभाग के सातों जिलों सहित महासमुंद बलौदाबाजार-भाटापारा, जांजगीर-चांपा, मुंगेली, सूरजपुर एवं नारायणपुर समेत लगभग 12 जिलों में पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है।

“छत्तीसगढ़ प्राथमिक प्रधान पाठक मंच” के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल जी को पत्र लिखकर मांग किया है कि ऐसे सभी जिलों के जिला शिक्षाधिकारी जहां पर पदोन्नति प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं की गई है अथवा पदोन्नति में लेटलतीफी की जा रही है उन सभी जिलों के जिला शिक्षाधिकारियों को अविलंब उनके पदों से हटाया जाए।

छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारी नेता एवं प्राथमिक प्रधान पाठक मंच के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा पिछले वर्ष कर्मचारी हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए विगत 25 साल से रुके हुए प्राथमिक प्रधान पाठक के राज्य भर में 25000 से अधिक पदों को भरने का एक ऐतिहासिक और बड़ा निर्णय लिया गया था।
जनवरी 2022 में राज्य सरकार द्वारा सहायक शिक्षक हित में बड़ा निर्णय लेते हुए वन टाइम रिलैक्सेशन के तहत प्राथमिक पाठक के सभी रिक्त पदों को पदोन्नति से भरने का आदेश जारी किया गया। न्यायालइन बाधा के कारण कुछ दिन पदोन्नति प्रक्रिया रुकी रही, लेकिन अब न्यायालय की बाधाएं दूर होने के पश्चात राज्य सरकार के लोकशिक्षण संचालनालय के डायरेक्टर ने विगत दिनों जिला शिक्षाधिकारियों के राज्य स्तरीय बैठक में सभी जिलाशिक्षा अधिकारियों को प्राथमिक प्रधान पाठक के पदों में तत्काल पदोन्नति प्रक्रिया प्रारंभ करने का मौखिक आदेश दिया गया था। उक्त आदेश का पालन करते हुए लगभग 12 जिला शिक्षाधिकारियों ने अपने जिले में पदोन्नति की सारी प्रक्रिया पूरी कर ली है।

जबकि इसके उलट राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना करते हुए आधे से अधिक जिला शिक्षाधिकारियों द्वारा प्राथमिक प्रधान पाठक के पदों में या तो अब तक पदोन्नति प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है या फिर पदोन्नति प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं की गई है। उक्त मामले में जिला जिला शिक्षाधिकारियों के उदासीन रवैया तथा पदोन्नति प्रक्रिया में रूचि नहीं लेने के कारण ऐसे प्रदेशभर के आधे से अधिक जिलों के लगभग 18000 सहायक शिक्षकों में विभाग एवं सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ गई है। इस प्रकार आधे से अधिक जिला शिक्षाधिकारियों के गलत कारनामे के कारण राज्य सरकार की किरकिरी एवं बदनामी हो रही है।

काउंसलिंग से हो पदस्थापना-

यह बात उल्लेखनीय है कि पदोन्नति संबंधी गाइड लाइन में राज्य शिक्षण संचालनालय द्वारा काउंसलिंग किए जाने का स्पष्ट उल्लेख है उसके बाद भी कई जिलों में काउंसलिंग की प्रक्रिया नहीं अपनाई जा रही है। जिसके कारण शिक्षकों से पदस्थापना को लेकर मनपसंद जगह के लिए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार एवं घूस लेने की खबरें आ रही है। यह भी खबरें लगातार आ रही है कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं विकासखंड शिक्षाधिकारी कार्यालय के अधिकारियों, बाबू तथा विभिन्न शिक्षक संगठनों की पदाधिकारियों के द्वारा भी पदोन्नति सूची में आए शिक्षकों के नाम की सूची लेकर बिचौलिए पदोन्नत जिलों में यहां वहां दिनभर घूम घूम कर अथवा फोन कर शिक्षकों से संपर्क साध कर पोस्टिंग के लिए लाखों रुपए की उगाही कर रहे हैं। इस प्रकार जानबूझकर विभिन्न जिला शिक्षाधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार को अंजाम दिया जा रहा है। जिससे शिक्षकों की गाढ़ी कमाई भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है। जो शिक्षक पैसा नहीं दे रहे हैं उन्हें दूर दराज में या अन्य जगहों में पदस्थापना दी जा रही है।

प्रधान पाठक मंच के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने राज्य सरकार से पत्र लिखकर मांग की है कि गैर पदोन्नत सभी जिलों में अविलंब प्रधान पाठक पदों पर पदोन्नति आदेश जारी हो, साथ ही पदोन्नति उपरांत काउंसलिंग से पदस्थापना की जाए।

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