जंगल की कटाई की पुनः तैयारियों की तीखी निंदा की छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन ने…

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छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन ने हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खनन के लिए जंगल की कटाई की पुनः तैयारियों की तीखी निंदा की है तथा इसके खिलाफ जन प्रतिरोध आन्दोलन शुरू करने का फैसला किया है.

राज्य सरकार ने पेड़ों की कटाई का फैसला ऐसे समय में लिया है जब 2 मार्च 2022 से ही हसदेव में हरिहरपुर गाँव में स्थानीय लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है. राज्य की विधानसभा ने भी सर्वसम्मति से हसदेव की सारी खदानों को रद्द करने का संकल्प पारित किया था.

आज रायपुर में विभिन्न संगठनो से जुड़े लोगों की संपन्न बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया कि अभी पिछली विधानसभा सत्र में ही हसदेव क्षेत्र के कोल ब्लॉको के आबंटन रद्द करने एवं वनों की कटाई रोकने का प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया गया था| इस प्रस्ताव के बावजूद वनों की कटाई की पुनः तैयारी यह दिखाती है कि इस सरकार पर किस कदर कॉर्पोरेट दबाव हावी है, और सरकार अडानी के पक्ष में लाखोँ पेड़ो की कटाई के लिए तैयार है|

बयान में कहा गया है कि अब यह कटाई उस पेसा कानून के भी खिलाफ़ है, जिसके बारे में सरकार ने यह प्रचारित किया है कि अनुसूचित क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदाय किसी भी प्रकार का निर्णय लेने के लिए सशक्त एवं स्वतंत्र है, जब कि स्थानीय आदिवासी समुदाय इस खनन के खिलाफ खड़ा है| बयान में कहा गया है कि यही समय है जब कांग्रेस सरकार पेसा कानूनों की सर्वोच्चता को साबित करने का साहस दिखाए|

गौरतलब है कि हसदेव अरण्य में एक दशक से आदिवासी समुदाय अपने जल, जंगल ,जमीन को खनन से बचाए रखने आन्दोलनरत है| छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्राम सभाओं के सतत विरोध के बावजूद हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक, नई खदान और परसा ईस्ट केते बासन फेस II (पहले से चल रही खदान) को वन भूमि डायवर्सन हेतु अंतिम स्वीकृति जारी कर दी गई| 2 मार्च 2022 से ही हसदेव में हरिहरपुर गाँव में स्थानीय लोग अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे है| लोगों ने पेड़ों की कटाई का दोनों ही खदानों में विरोध किया इसलिए पेड़ों की कटाई बंद की गई थी|

बयान में कहा गया है कि आन्दोलन के दबाव में मौखिक आदेश से खदान की प्रक्रियाएं बंद की गई थी लेकिन पुनः खनन को शुरू करने के लिए प्रशासन और पुलिस का उपयोग करके वनों की कटाई की तैयारी सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर करती है| पांचवी अनुसूची क्षेत्र में ग्राम सभा के निर्णय की अनदेखी कर साथ ही फर्जी ग्राम सभा की जांच किये बिना खनन को स्वीकृति जारी करना समुदाय के संविधानिक अधिकारों का हनन है|

आज की बैठक में हसदेव बचाओ अभियान, बिलासपुर से प्रथमेश मिश्रा, साकेत तिवारी, बी.आर.कौशिक, चन्द्र प्रदीप वाजपेयी, श्रेयांश बुधिया, एस. वर्मा, ग्रीन आर्मी रायपुर से गुरदीप टुटेजा, प्रसिद्ध रंगोली आर्टिस्ट प्रमोद साहू, रायपुर एवेंजर से समीर वेंस्यानी, इसके साथ ही रायपुर से प्रियंका उपाध्याय, ओमेश बिसेन, एस आर नेताम एवं छत्तीसगढ़ बचाओ आन्दोलन से बिजय भाई, संजात पराते और आलोक शुक्ला शामिल रहे|

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