बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी)
भारत की विश्व विख्यात अग्रणी शैक्षणिक संस्था जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली के चांसलर के रूप में दाऊदी बोहरा समाज की विश्वविख्यात हस्ती, बोहरा धर्मगुरु हिज होलीनेस डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब की नियुक्ति से भारत ही नहीं पूरी दुनिया में हर्ष की लहर दौड़ गई है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए भी यह गौरव का पल एवं क्षण है कि शिक्षा को समर्पित महान शख्सियत को 5 वर्ष के लिए चांसलर के रूप में चुना गया है।
आप डॉक्टर नजमा हेपतुल्ला का स्थान लेंगे जिनका 5 वर्षीय कार्यकाल समाप्त हो गया है। मूल रूप से भारत में 1920 में स्थापित इस संस्था को 1988 में केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। यह देश के अग्रणी प्रगतिशील शिक्षा संस्थानों में से एक मानी जाती है। बता दें कि जामिया का अर्थ विश्वविद्यालय है और मिल्लिया का अर्थ राष्ट्रीय से अभिप्रेत है।
इस प्रकार यह भारत देश का राष्ट्रीय विश्वविद्यालय है। इसे भारत के राष्ट्रवादी भारतीय नेताओं और उलेमाओं में हकीम अजमल खान, मौलाना मोहम्मद अली जौहर, मौलाना महमूद उल हसन,डॉक्टर मुख्तार अंसारी जैसे अनेक नेताओं ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में अपने खून पसीने के माध्यम से इसे स्थापित किया था। यह विश्वविद्यालय केंद्रीय संसद द्वारा अधिनियमित होता है।
मुंबई से बोहरा समाज के प्रतिनिधि मुल्ला शेख शब्बीर भोपाल वाला सहित बुरहानपुर से डॉक्टर अल्ताफ जावेद, मुल्ला तफज्जुल हुसैन मुलायाम वाला, क़ाईद इस्माइल भाई सुरूरी, मंसूर सेवक, मोहम्मद मर्चेंट, तसनीम मर्चेंट,अली असगर टाकली वाला, एडवोकेट शमीम आजाद, डॉक्टर नईमा नसीम साइकिल वाला, डॉक्टर फौजिया फरहाना सोडावाला सहित समाज जनों, मुस्लिम समाज जनों, राष्ट्रीय नेताओं, शिक्षाविदों ने स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि हिज होलीनेस डॉ सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के नेतृत्व में जेएमआई दिन दुगनी रात चौगुनी तरक्की करेगा और भारत का सिरमौर बनेगा। भारत राष्ट्र उन्नति के शिखर पर पहुंचेगा।