मूर्ति खंडित करने वाला आरोपी 6 माह कारावास और 1000 रूपये के अ‍र्थदण्ड से दंडित

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बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी)

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रतनसिंह भवंर द्वारा अभियोजित महत्वतपूर्ण प्रकरण में मा. न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी बुरहानपुर आरती गौतम ने आरोपी- सतीश पिता दीवाकर चौहान उम्र 28 वर्ष निवासी चकला तिराहा राजघाट रोड बुरहानपुर को धारा 295 भा.दं.सं. के अन्तर्गत 6 माह कारावास एवं 1 हजार रूपये के अर्थदण्ड किया है। प्रकरण की जानकारी देते हुए सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रतनसिंह भवंर ने बताया कि घटना दिनांक 02-05-2022 को फरियादी गौरव पिता प्रकाश अग्रवाल उम्र 34 वर्ष ने कोतवाली थाना आकर बताया की मेरे घर के सामने काफी प्राचीन मंदिर है जिसमें भगवान रामदेव बाबा व हनुमान जी तथा कालिका माता का मंदिर है।

आज शाम करीबन 06 बजे प्रतिदिन मंदिर की सेवा करने वाले सेवादार कैलाश पिता गोवर्धनदास शर्मा पुजारी है जो मंदिर की दिया बत्ती कर शाम 6:00 बजे के बीच चले गये थे। उसके बाद मुझे मेरी माताजी ने बताया की मंदिर के अंदर अज्ञात व्यक्ति ने तोड़फोड़ कर दी है। इस पर मैने तुरंत जाकर देखा तो धार्मिक उपासना के स्थान को द्वेषवतापूर्वक किसी वस्तु से खंडित (क्षतिग्रस्त) कर दिया है जिसके कारण समाज विशेष की धार्मिक भावना आहत हुई है। भगवान रामदेव के दाहिने हाथ का अंगूठा व बायी तरफ कनपटी व कान को खंडित (क्षतिग्रस्त) कर दी है। मंदिर उपासना स्थल को खंडित (क्षतिग्रस्त ) कर धर्म विशेष के लिये पवित्र मानी जाने वाली जगह व धार्मिक भावना आहत कर अपराध किया गया।

फरियादी द्वारा थाना कोतवाली में रिपोर्ट पंजीबद्ध की है, और विवेचना के दौरान घटनास्थल के आसपास सीसीटीवी केमरे के फुटेज विवेचक ने देखे और लोगों को दिखाकर आरोपी की पहचान कराई एवं आरोपी तक पहुचें इसके पश्चात आरोपी को विधिवत गिरफ्तार कर और विवेचनापूर्ण होने पर अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।

उक्त प्रकरण धर्म विशेष के विरूद्ध होने के कारण बहुत ही संवेदनशील और गंभीरता जिस कारण से माननीय पुलिस अधिक्षक बुरहानपुर द्वारा प्रकरण को चिन्हित प्रकरण की सूची में रखा गया था और शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री रतनसिंह भवंर द्वारा की गई जिसमें अभियोजन अधिकारी श्री रतनसिंह भवंर द्वारा साक्षियों को नियंत्रीत कर उनके कथन मा. न्यायालय के समक्ष कराये साथ ही विचारण समाप्त होने के पश्चात प्रभावशाली तर्क और महत्वपूर्ण न्यायदृष्टांत अंतिम तर्क के स्तर पर मा. न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किये गए। मा.न्यायिक मजिस्ट्रे्ट प्रथम श्रेणी आरती गौतम बुरहानपुर द्वारा आरोपी सतीश पिता दीवाकर चौहान को धारा 295 भा.दं.सं. के अन्तर्गत 6 माह कारावास एवं 1 हजार रूपये के अर्थदण्ड किया गया।

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