नई दिल्ली से रिपोर्ट ….
रागिब अली क़ादरी…
मदरसा दारुल उलूम देवबंद ने तबलीगी जमात संगठन पर लगाए गए सऊदी अरब सरकार के फैसले की निंदा करते हुए कहा कि सऊदी अरब सरकार का यह निर्णय तबलीगी जमात को आतंकवाद का प्रवेश द्वार बताना गलत और गैर जिम्मेदाराना रवैय्या है।
मौलाना अबुल कासिम नोमानी ने सऊदी अरब सरकार से अपने फैसले पर पुन:विचार करने की अपील करते हुए कहा कि इससे मुसलमानों एवं पूरी दुनिया में गलत संदेश जाएगा जबकि यह पहला मौका है कि जब दारुल उलूम देवबंद ने सऊदी सरकार की खुले तौर पर निंदा की है. सऊदी अरब सरकार के धार्मिक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में तबलीगी जमात को आतंकवाद का प्रवेश द्वार बता कर तबलीगी जमात पर प्रतिबंध लगाया है।
उधर प्रमुख मुस्लिम कार्यकर्ता जफर सरेशवाला ने भी न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए कहा कि मैं “सऊदी अरब सरकार के फैसले से हैरान हूं”क्योंकि तबलीगी जमात हमेशा से किसी भी चरमपंथी विचारधारा का विरोध करता रहा है. यहां तक कि तालिबान भी कई बार तबलीगी जमात के खिलाफ बोलता रहा है। उधर जबकि दारुल उलूम देवबंद किसी भी तरह के आतंकवाद का समर्थन नहीं करता हमेशा से हर तरीके के आतंकवाद के विरोध में बोलता रहा है।
उधर हजरत निजामुद्दीन मरकज के प्रवक्ता मोहम्मद समीर उद्दीन क़ासमी ने एक वीडियो संदेश ने यह कहा है कि “तबलीगी जमात पर यह एक बहुत बड़ा आरोप है और हम इस आरोप की निंदा करते हैं। तबलीगी जमात वह संगठन है जो “आतंकवाद को रोकता है और हमेशा उसकी निंदा करता है”उन्होंने जोर देकर कहा की हम किसी को भी किसी भी धर्म, समुदाय या देश के खिलाफ बोलने की इजाजत नहीं देते और तबलीगी जमात का कोई भी व्यक्ति कभी भी किसी भी आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा “सऊदी अरब सरकार को गुमराह किया जा रहा है”
और उधर हजरत निजामुद्दीन मरकज के दूसरे धड़े ने भी अपने इजहार ए ख्याल में कहा कि तबलीगी जमात ने आज तक कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जिसकी वजह से यह आरोप लगाया जाए बल्कि तबलीगी जमात समाज मैं जो कुरीतियां हैं उन्हें मिटाने के काम में लगी है और लोगों की इमदाद में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती रही है उन्होंने बताया की तबलीगी जमात संगठन के लगभग 30 करोड़ लोग इस संगठन से जुड़े हुए हैं जो देश विदेश में पैगंबर के संदेश को प्रसारित और पृचारित करते हैं और लोगों में जागरूकता पैदा करने का कार्य करते हैं।
और उधर दारुल उलूम नदवा के सीनियर फैकल्टी मौलाना फखरुल हसन खान ने कहा
कि अभी तक हमें मीडिया के द्वारा ही बैन की खबर मिली है। हम किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले सऊदी अरब सरकार व अपने लोगों से संपर्क में हैं।