सुमित बोरले को सत्र न्यायालय बुरहानपुर द्वारा आरोपी होने से मुक्त करने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देंगे वरिष्ठ अधिवक्ता मनोज कुमार अग्रवाल
बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी)
बुरहानपुर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवं हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के प्रैक्टिसिंग एडवोकेट मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि ₹ 25,00,000.00 लाख के चेक अनादरण मामले में बुरहानपुर के जेएमएफसी कोर्ट की माननीय न्यायधीश महोदया सुश्री आरती गौतम द्वारा सर्वश्री (1) मैसेज बामदेव ग्लोबल (2) उपेंद्र कुमार गुप्ता (3) कुलदीप गुप्ता (4) सुमित बोरले को आरोपी बनाया गया था। आरोपी बनाए गए कुल 4 आरोपियों में से 1एक आरोपी श्री सुमित बोरले को जिला एवं सत्र न्यायालय बुरहानपुर की माननीय पीठासीन अधिकारी महोदया श्रीमती आशिता श्रीवास्तव ने आरोपी होने से मुक्त करने का अपना अभूतपूर्व आदेश दि. 17.01.2023 पारित किया है।
परिवादी अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने बताया कि वे न्यायालय श्रीमान सेशन कोर्ट बुरहानपुर की पी. अ. श्रीमती अशिता श्रीवास्तव के पारित आदेश दि.17.01.2023 उक्त निर्णय को जिसमें आरोपी सुमित बोरले को आरोपी होने से मुक्त किया गया है, से संतुष्ट नहीं है तथा इस आदेश से पीड़ित है। इस आदेश को वे माननीय जबलपुर उच्च न्यायालय में विधिक आधारों पर चुनौती देने जा रहे हैं। अधिवक्ता श्री मनोज कुमार अग्रवाल ने कहा कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय की 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ का यह कानून/नज़ीर/आदेश है कि एक बार आरोपी बन जाने के बाद, मजिस्ट्रेट और सेशन कोर्ट को आरोपी को “आरोपी बनने से मुक्त किए जाने” का अधिकार नहीं है।