आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों को बलपूर्वक उठाकर ले जाने एवं संघर्ष समिति का मंच तोड़ने के बाद लोग हुए आक्रोशित
चिरमिरी थाने के सामने संघर्ष समिति ने किया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन
चिरमिरी । 9 सितंबर की सुबह सुबह बड़ी संख्या में आए पुलिस बल द्वारा आमरण अनशन में बैठे आंदोलनकारियों को बलपूर्वक गाड़ी में बैठाकर चिरमिरी थाने लेगए एवं संघर्ष समिति का मंच पूरी तरह से तोड़ दिया । जिसकी सूचना चिरमिरी में फैलने के कारण आक्रोशित लोगों ने जहां पूरी तरह चिरमिरी को बंद रखकर अपना आक्रोश प्रकट किया, वहीं चिरमिरी के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर काले कपड़े पहनकर काला दिवस भी मनाया ।
आक्रोश से भड़क रहे आंदोलनकारियों को अपनी सूझबूझ व बुद्धिमत्ता से शांत कराकर स्थानीय पुलिस प्रशासन ने पुलिस थाने में ही आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारी उपेंद्र जैन, वीरू खान, आजाद सिंह, चंदन गुप्ता, प्रताप अधिकारी और पूरन गुप्ता को तहसीलदार के हाथों जूस पिलाकर आंदोलन को समाप्त करता दिया ।
संघर्ष समिति चिरमिरी के आंदोलनकारी उपेंद्र जैन का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए संघर्ष समिति ने आंदोलन को फिलहाल अस्थाई विराम दिया है । शीघ्र ही संघर्ष समिति चिरमिरी के सदस्य व सत्याग्रही पदयात्री बैठक करके आंदोलन की नई रूपरेखा तैयार करेंगे । लेकिन यह निश्चित है कि समाप्त होते चिरमिरी के अस्तित्व को बचाने के लिए यदि शासन प्रशासन व जनप्रतिनिधि गंभीर नहीं होते हैं तो इसका खामियाजा उन्हें बड़े नुकसान के रूप में भविष्य मे भी उठाना पड़ सकता है ।
अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे चिरमिरी को बचाने के लिए बने गैर राजनीतिक दल चिरमिरी जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति के आंदोलन को कुचलने के लिए प्रशासन द्वारा लोगों को घरों से उठा उठा कर आंदोलन के आक्रोश व तीव्रता पर नियंत्रण पाने का भी असफल प्रयास किया गया लेकिन जनप्रतिनिधियों की लापरवाही से सामान्य आंदोलन से जन आंदोलन बन चुके इस घटनाक्रम में चिरमिरी के इतिहास में युवाओं महिलाओं व्यापारियों तथा चिरमिरी के भविष्य को लेकर चिंतित लोगों का आक्रोश जिस प्रकार सड़कों के साथ-साथ पुलिस थाने में नजर आया ऐसा चिरमिरी के इतिहास में पहले कभी नहीं देखा गया । बताया जाता है कि आमरण अनशन पर बैठे आंदोलनकारियों के बलपूर्वक गिरफ्तारी व संघर्ष समिति मंच तोड़ने की घटना से आक्रोशित लोग स्वत : ही घरों से काले कपड़े पहन कर जहां सड़कों पर नजर आए, वहीं बड़ी संख्या में पुलिस थाने पहुंचकर अपनी गिरफ्तारी दर्ज कराई । आंदोलनकारियों के अनुसार 300 से भी ज्यादा लोगों द्वारा स्वत: ही पुलिस थाने में जाकर गिरफ्तारी दी गई है ।
इसी क्रम में आंदोलनकारियों ने बड़ा बाजार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का पुतला दहन करके अपना आक्रोश प्रकट किया ।