“मोदी हटाओ ,देश बचाओ” का आगाज़ पूरे देश के राज्यों के राजधानी में….

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आज पूरे देश के सभी राज्यों की राजधानी “मोदी हटाओ,देश बचाओ” मुहिम का आगाज -आप

“मोदी हटाओ ,देश बचाओ” -आप

आम आदमी पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों के संग प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने आज प्रदेश कार्यालय में प्रेस को संबोधित करते हुए सवाल किया कि जब आजादी की लड़ाई में हमारे शहीद हंसते-हंसते फांसी का फंदा चूम रहे थे तब उनका सपना था कि जिस दिन हमारा देश आजाद होगा, अशिक्षा दूर होगी और भारत एक शिक्षित राष्ट्र बनेगा। देश के लोग इलाज के लिए नहीं भटकेंगे, नौजवानों को रोजगार मिलेगा, किसानों को फसल का सही दाम मिलेगा। मोदी जी के रहते यह सपना कभी पूरा नहीं हो सकता।

जैसे , जब अंग्रेजों की हुकूमत थी, उस समय कोई पर्चा नहीं बांट सकता था, पेपर नहीं निकाल सकता था। भारत की आजादी के वीरों की आवाज को कुचलने के लिए उसी समय अंग्रेजों ने कानून बनाएं। आज फिर उस कानून का सहारा लेकर देश की आवाज को कुचला जा रहा, क्या यह सही है?

इसका जीता जागता उदाहरण है ,दिल्ली में जब “मोदी हटाओ, देश बचाओ” का पोस्टर लगा तो मानो जैसे हुकूमत थर्रा गई। अंग्रेजों के राज में भी कभी एक पोस्टर और एक पर्चे के लिए 138 एफआईआर नहीं हुई थी।

कोमल हुपेंडी ने सीना ठोक कर कहा कि आज 30 मार्च को आम आदमी पार्टी पूरे देश के राज्यों की राजधानी के कोने-कोने में “मोदी हटाओ, देश बचाओ” का पोस्टर लगाएंगे, देखते हैं कि तुम्हारी एफआईआर, पुलिस और जेल में कितनी ताकत है। जब चप्पे-चप्पे पर “मोदी हटाओ, देश बचाओ” के पोस्टर लगेंगे, तुम्हारी जेलें भर जाएगी। मगर मां भारती को बचाने के लिए सीना और हाथ कम नहीं होंगे।

यह सब यहां ही नही रुक रहा है ,खुले तौर पर आज देश के संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही है, विपक्ष की आवाज को कुचलने के लिए फर्जी मुकदमों में फंसाने की कोशिश की जा रही है।

आपने देश के किसानों के ऊपर जबरदस्ती तीन काले कानून लगाए गए, किसानों ने एक साल आंदोलन किया।कितने ही किसान शहीद हुए और कानून वापस लिया गया। सरकार ने किसानों से वादा किया कि देश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानून का दर्जा देंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ।

देश के छात्रों की आवाज को देशद्रोही-आतंकवादी कहकर कुचला जा रहा है।

देश में मजदूर दयनीय जिंदगी जीने को मजबूर हैं। भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने असेंबली में बम इसलिए फेंका था कि मजदूरों के खिलाफ सेफ्टी बिल लाया जा रहा था। आज मजदूरों के सारे कानून और अधिकारों को खत्म कर केवल चार कानून में समेट दिया है।यह कैसी आजादी है?

जहां-जहां प्रधानमंत्री मोदी गए, वहां-वहां अडानी का साम्राज्य विकसित करते रहे। मोदी सरकार का ये कैसा लोकतंत्र है?

आम आदमी पार्टी का आज यह सवाल है कि जब तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे, क्या मोदी जी अडानी की जांच करा सकते हैं?

आज हम भगवान से प्रार्थना करते है कि स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा हमें भी ताकत दे कि हम इस तानाशाही सरकार से लड़ सके और देश की विरासत को बचाने में कामयाब हो।

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