चिरमिरी शहरी क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत भवनों की निर्माण कार्यों में धड़ल्ले से अवैध रूप से उत्खनन किया गया गौण या लघु खनिजों का किया जा रहा है इस्तेमाल।

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अंजन मुखर्जी, ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़

छोटा बाजार, चिरमिरी। से 

ज्ञात हो कि,भवन निर्माण में प्रयोग होने वाले गौण या लघु खनिजों को लेकर सन 1957 में खान और खनिज (विनियमन और विकास) अधिनियम के तहत नियम बनाए गए हैं। जिसे नियमों की अनुसूची 1-ए में शामिल किया गया है,जो भवन निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले सामग्री जैसे बजरी,रेत, चूना पत्थर,इमारती पत्थर आदि पर लागू होती है, और यह नियम राज्य सरकार के अधीन होता है।

केन्द्र सरकार ने शहरी गरीबों को पक्का मकान बनाने के लिए बड़े पैमाने पर रकम आवंटित किया है,जो करीब हर एक परिवार के लिए दो लाख पन्द्रह हजार के आस पास होता है।इस रकम को किस्तों में गरीब परिवारों के खाते में जमा किया जा रहा है,और चिरमिरी नगरपालिकनिगम के देखरेख में निर्माण कार्यों को किया जा रहा है।

पर निर्माण करने वाले परिवारों के द्वारा सस्ते में भवन सामग्री खरीदने के लालच में अवैध रूप से उत्खनन किया गया गौण खनिजों का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया जा रहा है। जिसमें ना तो रॉयल्टी और ना जीएसटी की भुगतान सरकारी खाते में जमा किया हुआ होता है।इस तरह छत्तीसगढ़ सरकार को लाखों रुपए, रॉयल्टी और जीएसटी के तहत नुकसान होने की सम्भावना है।साथ ही साथ अवैध उत्खनन को भी बढ़ावा मिल रहा है जिसे देखते हुए शासन प्रशासन को अवैध परिवहन पर शक्त कार्रवाई करने की जरूरत है।

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