छत्तीसगढ़ में पेयजल संकट को लेकर आप पार्टी ने किया मटका फोड़ आंदोलन, झरिया और तालाब का पानी पीने को मजबूर ग्रामीण, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी जल जीवन मिशन: कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष, आप

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छत्तीसगढ़ में पेयजल संकट को लेकर आम आदमी पार्टी ने किया मटका फोड़ आंदोलन, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

पेयजल के लिए जद्दोजहद करने को मजबूर लोग, 75 सालों में गरीब तक पानी पहुंचाने में नाकाम रही सरकार: उत्तम जायसवाल, प्रदेश सचिव, आप

राजधानी रायपुर के कई इलाकों में पेयजल की किल्लत, नलों में नहीं आ रहा पानी: उत्तम जायसवाल, प्रदेश सचिव, आप

अगर गर्मी में लोगों को पानी की समस्या हुई तो ‘आप’ कार्यकर्ता करेंगे उग्र आंदोलन: उत्तम जायसवाल, प्रदेश सचिव, आप

छत्तीसगढ़ के कई जिलों में पेय जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोगों को पानी के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में दिनोंदिन गहराते जल संकट से ग्रामीणों को पानी के लिए दौड़भाग करनी पड़ रही है। प्रदेश में बढ़ते पेयजल संकट को लेकर आज, मंगलवार को आम आमदी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सचिव उत्तम जायसवाल के नेतृत्व में राजधानी रायपुर के अंबेडकर चौक पर मटका फोड़ आंदोलन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने भूपेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदेश की जनता को शुद्ध पेय जल उपलब्ध कराने की मांग की है।

पेयजल की समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी के प्रदेश सचिव उत्तम जायसवाल ने राज्य और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि देश जहां आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, वहीं 75 साल बाद पूरे भारत और छत्तीसगढ़ में जल जीवन मिशन के तहत पानी पहुंचाने की बात कही जा रही है। इसका सीधा मतलब है कि कोई भी सरकारें 75 सालों में एक आम आदमी और गरीब तक पानी पहुंचाने का काम नहीं कर पाई। छत्तीसगढ़ के जगह की बात छोड़िए राजधानी रायपुर के अंदर ही गर्मियों के दिनों में बस्तियों में पानी नहीं पहुंच पा रहा है।

उत्तम जायसवाल ने कहा कि आलम यह है कि नल में पानी नहीं है। पानी के लिए माता-बहनों को रोजाना जद्दोजहद करनी पड़ रही है। रोजाना सुबह 5 बजे माताएं-बहनें उठकर लाइनें लगा रही हैं। लेकिन भूपेश सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। इस समस्या को लेकर आम आदमी पार्टी ने 33 जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की गई कि गर्मी के समय में किसी भी व्यक्ति को पानी की किल्लत नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोगों को पानी साफ नहीं मिल रहा है। गर्मी के दिनों में जनता के मटके पानी से खाली है। जिसको लेकर आज ‘आप’ ने प्रदेश के सभी जिलों में मटका फोड़ आंदोलन किया। अगर गर्मी में लोगों को पानी की समस्या हुई तो पार्टी के कार्यकर्ता उग्र आंदोलन करेंगे।

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में पेयजल संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोगों को पानी के लिए काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में दिनोंदिन गहराते जल संकट से ग्रामीणों को पानी के लिए दौड़भाग करनी पड़ रही है। भूजल स्तर गिरने के कारण कई इलाके जल संकट की चपेट में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि भूपेश सरकार का 2023 तक सभी घरों तक उच्च गुणवत्ता का शुद्ध पेयजल पहुंचाने का लक्ष्य था, लेकिन धरातल पर कहीं कुछ नहीं दिख रहा है।

‘आप’ नेता विजय झा ने कहा कि गर्मी शुरू होते ही दूषित पानी की समस्या भी खड़ी हो गई है। ग्रामीण कई किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर है। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल के लिए बहुत भटकना पड़ रहा है। राज्य में जल जीवन मिशन के तहत गांव-गांव तक नल से जल देने के लिए सरकार काम कर रही है। बावजूद इसके पानी की समस्या बनी हुई है। भूजल स्तर गिरने के कारण कई इलाके में जल संकट की चपेट में आ गए है। आम आदमी पार्टी ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए भूपेश सरकार से जल संकट प्रभावित गांवों में पानी की व्यवस्था कराने की मांग की है। आंदोलन में मुख्य प्रवक्ता सूरज उपाध्याय, वरिष्ठ नेता विजय झा समेत अन्य कई नेता-कार्यकर्ता मौजूद रहे।

वहीं कांकेर में आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कार्यकर्ताओं के साथ मटका फोड़ आंदोलन किया। इस दौरान कोमल हुपेंडी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बड़ा चिंता का विषय है कि कांकेर के सुदूर गांवों में लोग झरिया और तालाबों का पानी, लाल पानी, फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर हैं, लेकिन सरकार की ओर लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है। जल जीवन मिशन में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ, कोई ऐसा गांव नहीं है जहां जल जीवन मिशन के तहत शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया हो। उन्होंने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि नल टूटा है, पाइप फूटी है, इसको लेकर बकायदा बिल बनता है और पैसा पास होकर बंदरबांट हो जाता है। लोग अभाव के चलते झरिया और तालाब का पानी पीने को मजबूर हैं, दूसरी तरफ करप्शन की वजह से ऐसा हो रहा है।

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