45 आईएएस अधिकारियों पर सालों से लंबित शिकायती प्रकरणों की जांच के मामले में हाई कोर्ट ने 2 फरवरी 2022 तक जवाब पेश करने का दिया समय

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अफ़सर अली

हाईकोर्ट में 10 दिसंबर 2021 को हुई सुनवाई आरटीआई कार्यकर्ता राजकुमार मिश्रा ने 487 पेज में पेश किया 45 आईएएस अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायत की प्रति सरकार 15 साल में भी नहीं ले पाई निष्पक्ष जांच का निर्णय- राजकुमार मिश्रा

चिरमिरी। राज्य के 45 आईएएस अधिकारियों की मुश्किल अब बढ़ती नजर आ रही हैं। दरअसल इन अधिकारियों के खिलाफ 10 से 15 साल पहले की गई शिकायतें आज भी लंबित है। उन शिकायतों पर निष्पक्ष जांच कराने के लिए आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका 69/2021 दाखिल की है। वही मामले में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ हुई शिकायतों की विस्तृत जानकारी मांगी है।
ज्ञात हो कि प्रदेश में कई आईएएस अधिकारियों के खिलाफ लंबे समय से शिकायती प्रकरण बनाकर ठंडे बस्ते में डाल दिए गए हैं। दिसंबर 2015 में विधानसभा में प्रदेश के आईएएस अधिकारियों के खिलाफ लंबित शिकायती प्रकरणों पर प्रश्न पूछा गया था। जिस पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ने वर्ष 2016 तक 45 आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध शिकायती प्रकरण लंबित होने की बात कही थी। जिसके बाद से आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा ने मामले में आरटीआई से जानकारी जुटाना शुरू किया। साथ ही 2021 में आईएएस अधिकारियों के खिलाफ लंबित शिकायती प्रकरणों की निष्पक्ष जांच के लिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। हाईकोर्ट में डबल बेंच ने सुनवाई के दौरान आईएएस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायतों की विस्तृत जानकारी मांगी है। जिस पर याचिकाकर्ता ने जानकारी इकट्ठा करना शुरू कर दिया है जल्द ही मामले में कोई नया मोड़ आएगा।

15 साल में भी नहीं ले पाए जांच का निर्णय : राजकुमार मिश्रा

मामले में आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा का कहना है कि आपको जानकर आश्चर्य होगा कि कुल 45 आईएएस अधिकारी ऐसे हैं जिनके ऊपर शिकायती प्रकरण 10, 12 या 15 साल से लंबित है। क्या कांग्रेस सरकार और क्या भाजपा सरकार कोई भी यह निर्णय नहीं कर पाई कि इन शिकायती प्रकरणों पर जांच करनी है या नहीं करनी। मामले में मैंने जानकारी जुटाकर माननीय हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ में जनहित याचिका लगाई है। सुनवाई के दौरान डबल बेंच ने आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध की गई शिकायतों की जानकारी भी प्रस्तुत करने का आदेश दिया है । आरटीआई विशेषज्ञ राजकुमार मिश्रा ने छत्तीसगढ़ शासन से सूचना के अधिकार पर 487 पेज की जानकारी छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में पेश की । अधिकारियों के विरुद्ध शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए उच्च न्यायालय ने नोटिस जारी कर 2 फरवरी 2022 तक राज्य शासन से जवाब मांगा है ।

यह है वे 45 आईएएस अधिकारी

सी.के. खेतान, जी. आर. चुरेंद्र, छत्तर सिंह डहरे, डॉ. कमलप्रीत सिंह, मुकेश बंसल, एन. एम. छीरसागर, श्रीमती शारदा वर्मा, श्रीमती रितु सेन, निरंजन दास, हिमशिखर गुप्ता, एन. के. खाखा, उमेश कुमार अग्रवाल, ओ. पी. चौधरी, श्रीमती आर.संगीता, टी. राधाकृष्णन, अमित कटारिया, नरेंद्र कुमार शुक्ला, एलेक्स पाल मेनन, के. सी. देवासेनापति, अशोक कुमार अग्रवाल, सुश्री ओमेगा युनाईस टोपो, भीम सिंह, चंदन कुमार,सुश्री अमरमेलमंगई डी. रणवीर शर्मा, श्री जी एस मिश्रा, विकास संदीपान, अवनीश कुमार शरण, डॉ. सारांश मित्तर, जे. पी. पाठक,अंकित आनंद, दिनेश श्रीवास्तव, टॉमन सिंह सोनवानी, के. डी. पी. राव, सुरेंद्र कुमार जयसवाल, एम. के. राउत, अनबलगन पी., बी. के. धुर्वे, रजत कुमार, सिद्धार्थ कोमल परदेशी, डॉ. रोहित यादव, भुवनेश यादव, सुब्रत साहू,अमृत खलखो व दिलीप वासनिककर।

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