नई दिल्ली रिपोर्ट: एस आर कादरी
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच कई दौर की बातचीत होने के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई, जिसको लेकर किसान संगठनों ने आज 10 मार्च के लिए रेल का चक्का जाम का आह्वान किया है। जिसके तहत पंजाब सहित 50 से ज्यादा जगह पर आंदोलन की सक्रियता बढ़ गई है, किसान मोर्चा गैर (राजनीतिक संगठन) एवं किसान मजदूर मोर्चा ने केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल का कुछ फसलों पर एमएसपी देने के बयान को पूरी तरह से गुमराह करने वाला बताया है।और कहा कि यह प्रस्ताव पिछली बैठक में पहले ही खारिज किया जा चुका है। सरकार कांट्रेक्ट फार्मिंग की लाइन पर केवल पांच वर्ष तक के लिए ही एम एस पी दे रही है।
किसान आंदोलन के नेता अमरजीत सिंह मोहरी, मलकीत सिंह,जंग सिंह भतेरडी ने शनिवार को कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए हुए किसानों को पुलिस ने जंतर-मंतर पर अनशन करने की अनुमति नहीं दी है, सरकार यह नहीं चाहती कि किसान दिल्ली आएं और अनशन कर अपनी बात रखें। इसके साथ उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने धारा 144 लगा रखी है अंबाला प्रशासन की तरफ से दिए गए बयान यह जाहिर करते हैं कि हरियाणा सरकार लोकतंत्र और संविधान के विरुद्ध कार्य कर रही है, लेकिन किसान ऐसी धमकी से नहीं डरते और लोकतांत्रिक तरीके से ही किसान मोर्चा अपने अधिकार के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे,
पंजाब में 50 से ज्यादा जगहों पर रेल रोको अभियान आज से
संयुक्त किसान मोर्चा एवं किसान मजदूर मोर्चा ने महिला किसानों के साथ रणनीति बनाई है कि कुछ जगहों पर महिला किसान आंदोलन की अगुवाई करेंगी,अम्रतसर, गुरदासपुर होशियारपुर तरनतारन जालंधर कपूरथला फरीदकोट फिरोज पुर, मोगा, मुक्तसर साहिब, केवल पंजाब में लगभग पचास से अधिक जगह पर रेल रोको अभियान चलाया जाएगा।