सैयद राजिब अली / नई दिल्ली
नई दिल्ली:पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश के किसान संगठनों ने एक बार फिर किसान आंदोलन का आह्वान किया है। जबकि यह आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में नहीं हो रहा है।एक बार फिर 2021के किसान आंदोलन की तर्ज पर दिल्ली की सीमाओं को सील किया जा रहा है। रास्ते में बैरीकेड,व अन्य कई तरह से किसानों का रास्ता रोका जा रहा है भारी पुलिस बल के साथ साथ अन्य सुरक्षा के उपाय किए जा रहे हैं,आज 13 फरवरी के लिए किसानों कि ओर से दिल्ली पहुंचने की अपील की गई है,इस बार इस आंदोलन को संयुक्त किसान मोर्चा नहीं बल्कि और अन्य कई संगठन इस आंदोलन में शामिल हैं।
*MSP सहित कई अन्य और मांगों के साथ किसान संगठन मैदान में उतरे हैं*
1.जिन किसानों पर 2021-2022 के किसान आंदोलन पर मुकदमे दर्ज हैं उन्हें रद्द करने की मांग
2.पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई उनके मुआवजे की मांग
3.फसल पर न्युनतम समर्थन मूल्य की मांग।
4.सभी किसानों का सरकारी तथा गैर सरकारी कर्ज माफी की जाये।
5. 60 वर्ष के ऊपर आयु वाले किसानों को 10 हजार रुपए पेंशन दी जाये।
6. दूध फल सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम किया जाए।
7.पिछले किसान आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई उनके परिवार को मुआवजा तथा एक व्यक्ति को नौकरी दी जाये।
8.पिछले किसान आंदोलन में जिन मांगों को मांगा गया था केंद्र सरकार उसे तुरंत पूरा करे।
9.स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशो को फौरन लागू किया जाए।
10.लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय मिले।
11.किसान संगठनो की केंद्र सरकार से मांग है कि कीटनाशक, उर्वरक एवं कपास के बीजों में गुणवत्ता लाई जाये।
किसानों के दिल्ली कूच करने के आह्वान को देखते हुए राजधानी दिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था का चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं। दिल्ली से लगने वाले सभी राज्यों की सीमाओं व रास्तों पर निगरानी रखी जा रही है।