‘एनजीओ’ “असर” का “छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” ने किया विरोध, एनजीओ पर प्रतिबंध लगाने की केंद्र सरकार से की मांग…

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रायपुर //-“छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक/यूडीटी मंच” ने असर नामक एनजीओ का विरोध करते हुए उक्त संस्था पर पूर्णतः प्रतिबंध लगाने की मांग की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष एवं कर्मचारी नेता जाकेश साहू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि असर नामक एनजीओ द्वारा प्रदेश में शिक्षा विभाग के सर्वे की बात कही गई है और बताया गया है कि असर द्वारा घर-घर जाकर बच्चों का सर्वे किया गया।

सर्वे रिपोर्ट के आधार पर पिछले वर्ष पढ़ाई की स्थिति में छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षा विभाग को काफी कमजोर बताया गया है, जिससे विभाग की बदनामी हुई है। प्रांत अध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि इस प्रकार का सर्वे कब होता है…???? कैसे होता है…???? सर्वे में कौन-कौन सदस्य रहते हैं…???? सर्वे का क्या मापदंड तय किया गया है ….???? क्योंकि इस प्रकार का सर्वे पर किसी भी प्रकार का विश्वास नहीं किया जा सकता।

ऐसे एजेंसियों पर सरकार तत्काल प्रतिबंध लगाए। प्रधान पाठक/यूडीटी मंच ने उक्त सर्वे करने वाले एजेंसी असर का खुला बहिष्कार किया है। साथ ही प्रत्येक जिला मुख्यालय में उक्त एजेंसी के विरोध में पुतला दहन करने का ऐलान किया गया है।

यह बात उल्लेखनीय है कि विगत 2 वर्षों से कोरोना के कारण स्कूल बंद रहा था। फिर भी शिक्षकों के द्वारा लगातार मोहल्ला क्लास लगाकर बच्चों की पढ़ाई करवाई गई। आज की स्थिति में ऑनलाइन के नाम पर स्कूलों से बहुत ज्यादा जानकारी मंगाई जाती है।
आए दिन ऑनलाइन के माध्यम से व्हाट्सएप ग्रुप से जानकारी मंगाई जाती है। संकुल स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बना हुआ है जिनके माध्यम से तुरंत तुरंत जानकारी बनवाकर मंगाई जाती है।

नवोदय परीक्षा का फार्म भरना, प्रतिदिन मध्यान भोजन का एंट्री करना, दैनंदिनी संधारण करना, स्कूलों का पूरा रिकॉर्ड संधारण करना, स्कूलों को प्राप्त होने वाले राशि के लिए वेंडर बनाने बार-बार बैंक जाना।

साथ ही जनगणना का सर्वे करना, पशु गणना करना, मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य करना, बच्चों को एडमिशन हेतु सर्वे करना, परीक्षा आयोजित करना, मार्कशीट भरना, इस प्रकार शिक्षकों को इतना ज्यादा काम दिया गया है कि उक्त काम शिक्षक कर नहीं पाते।
जबकि प्राइवेट स्कूलों में ऐसी स्थिति नहीं है। प्राइवेट स्कूलों को ये सब कार्य नहीं करना पड़ता। जिसके कारण प्रतिदिन सिर्फ पढ़ाई करते हैं। परंतु सरकारी स्कूलों में नाना प्रकार के काम रहते हैं।

प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि इस प्रकार से सर्वे के माध्यम से स्कूलों का खराब स्थिति एवं शिक्षकों का खराब स्थिति व बच्चों के पढ़ाई स्तर को कमजोर दिखाना कहीं ना कहीं शिक्षकों के मनोबल को कमजोर करना एवं शिक्षा विभाग पर उंगली उठाना है। इस प्रकार के सर्वे पर कतई विश्वास नहीं किया जा सकता।

प्रधान पाठक/यूडीटी मंच ने असर एनजीओ पर प्रतिबंध लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि ऐसे सर्वे एवं एजेंसियों पर पूर्ण लगाने चाहिए, जो शिक्षा विभाग को बदनाम करने पर तुले हुए है।

आखिर उक्त एजेंसियों को पैसा कहां से मिलता है….???? यह बात उल्लेखनीय है कि माननीय नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद देश में लाखों इस प्रकार से फर्जी एनजीओ संस्था पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। एवं विदेशों से आने वाले उन की फंडिंग भी रोक दी गई है।
अतः ऐसे गलत एजेंसियों पर प्रतिबंध लगाना बहुत ही आवश्यक है। यदि प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो इसका प्रधान पाठक मंच द्वारा बहिष्कार किया जाएगा।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू सहित समस्त पदाधिकारियों ने सभी जिला एवं ब्लॉक के प्राथमिक शालाओ में पदस्थ प्रधान पाठकों से अपील की असर सहित इस प्रकार के तमाम फर्जी और औचित्यहीन एजेंसियों का खुल्ला बहिष्कार किया किया जाएगा। साथ ही इनके विरोध में प्रत्येक जिला एवं ब्लाक मुख्यालय में असर एनजीओ का पुतला फूंका जाएगा।

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