भारतीय बौध्द महासभा जिला शाखा रायपुर ने भारतीय बौध्द महासभा ने मनाया 66 वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस।

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जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके ने बताया की भारतीय बौद्ध महासभा जिला शाखा रायपुर के तत्वाधान में दिनांक 14/10/2022 शुक्रवार को देवेंद्र नगर बुद्ध विहार में 66 वां धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस गरिमा पूर्वक मनाया गया। सर्वप्रथम सामूहिक बुद्ध वंदना करुणा वासनिक एवं भीम नगर महिला समिति के सदस्यों की अगुवाई में किया गया, प्रतिक्षा वैद्य ने भीम संकल्प गीत प्रस्तुत किया,इसके पश्चात सभा में उपस्थिति अतिथियों का स्वागत विभिन्न वार्ड के समाज प्रमुखो ने किया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि धम्मचारी नागमित्र ने बाबा साहेब द्वारा बौद्ध धम्म क्यों अपनाया गया विस्तार से बताया उन्होंने ने कहा की अपने स्वयं का परिवर्तन होना ही धम्म चक्र है यह क्रांति का प्रति क्रांति है 1956 को बौद्ध धम्म की दीक्षा अपने अनुयायियों के साथ लेने पर बाबा साहेब कहा जिस कठिनाई का सामना मैंने किया उन सब से आप सभी को मुक्त करना है पर यह तभी हो सकता हैं जब आप स्वयं बुध्द के बताये मार्ग पर चले।

विशेष अतिथि एस.आर. कांडे जी बाबा साहेब के साहित्य को घर घर तक पहुंचाने की बात कही, इंजि. बिम्बिसार जी ने वैचारिक संगोष्ठी के महत्व के बारे में बताया,आयु. बी.एस.जागृत ने 40 बिन्दुओं के परिपालन की आवश्यकता पर बताया,डाॅ आर.के. सुखदेवे जी ने बौद्ध धम्म के प्रचार के लिए कार्य करने कहा, मान. मुख्य जांच आयुक्त छ.ग. शासन आयु.दिलीप वासनिकर जी ने युवाओं को बाबा साहेब के विचारों को पडने पर जोर दिया, सी.डी. खोबरागड़े संस्कार प्रमुख ने बाबा साहेब की दी गयी 22 प्रतिज्ञा की शपथ दिलाई, भोजराज गौरखेड़े ने समाज में ज्ञान प्राप्ति की आवश्यकता बताया, इसके पश्चात अतिथियों को ससम्मान मेमेंटो भारतीय बौद्ध महासभा के पदाधिकारियों द्वारा दिया गया।

इस अवसर पर भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष प्रकाश रामटेके ने आभार प्रकट किया, जिला महासचिव विजय गजघाटे ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया सहयोग भारतीय बौद्ध महासभा के विजय चौहान, मदन मेश्राम, जी एस मेश्राम, मकरंद घोडीस्वार, दिलीप मेश्राम,सुरेन्द्र गोंडाने, करुणा वासनिक, वैशाली मेश्राम, मकरंद घोडीचोर, एवं समस्त भारतीय बौद्ध महासभा के कार्यकर्ताओं ने सहयोग किया।

मैत्री भोज का दान नंदा आई गजघाटे, सपना संजय गजघाटे जी द्वारा किया गया। त्रिशरण विकास समिति का विशेष योगदान रहा।

इस कार्यक्रम में लक्ष्मी सिंगांडे, जय श्री खोबरागड़े, प्रतिमा मेश्राम, संध्या चौहान, वैशाली रंगारी, रजनी धरडे, इंदु मेश्राम, प्रभा शंभरकर, उषा धाारगावे, सरोज गजभिये, संध्या बडोले, ज्योत्सना कामडे, सुनंदा बघेल, संगिता मेश्राम, अनिता मेश्राम, तारा बोरकर, छाया मेश्राम, दीक्षा डोंगरे, सिमरन रामटेके, संघमित्रा गौरखेडे, सुधा निकोसे, सुविधा भिमटे, डां कल्पना सुखदेवे, रेखा बोरकर, अलिशा मेश्राम, वैशाली मेश्राम, प्रज्ञा रवि, सुमित्रा वाल्दे, सविता रामटेके, मिता वानखेड़े, वेनु रायकर, भाविन्द्रा भालाधरे, ज्योतसना मेश्राम, विध्या बागडे, कल्पना बंसोड, रेखा बंसोड, अरूणा मेश्राम, रेखा रामटेके, रविन्द्र मेश्राम, अविनाश थुल, शांतनु बोरकर, अनिल बंसोड, ओ डी तिरपुडे, सुरेश सहारे, सुभाष सहारे, संजय बोरकर, एस आर फुलझले, आर जे रामटेके, सुधाकर गेडाम, कार्तिक गायकवाड़, रूपेश धारगावे, राजेन्द्र कुमार चौहान, डी डी रायकर, एस डी वाल्दे, जे के भिमटे, वसंत निकोसे, प्रकाश बघेल, प्रमोद वैध, विजय चौरे, रितेश मेश्राम, दिपक बंसोड, राहुल डोंगरे, आर एन शंभरकर, एच डी जामुलकर, संदीप बंसोड, नागरीप्रचारिणी, दिलिप आम्बेडकर, मनोहर घोडेस्वार, रवि बौद्ध, एस एल चौरे, प्रमोद घरडे, बेनीराम गायकवाड़, नागपदमा,थे।

विशेष रूप से सी के डोंगरे, पी एस गेडाम, नरेंद्र चौहान, राज भावे, कमलेश रामटेके, सुरेश राव लोखंडे, प्रतिमा गजभिये, स्वर्ण लता गेडाम, निरंजना रामटेके, वैशाली डेंगरे, वैशाली दमके, अर्चना बौद्ध, प्रशांत गजभिये, मिलिंद फुलझेले, संजय मेश्राम, रुप श्री गजभिये, विजय श्री डोंगरे, जितु वानखेड़े, हितेश वाल्दे, चुन्नेश गडपायले, ज्योति मेश्राम, भावेश परमार एवं अनेक वार्ड से गणमान्य नागरिक उपस्थिति थे।

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