6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार वन विभाग की टीम बाघिन का रेस्क्यू करने में हुई सफल

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तीन एक्सपर्ट डाक्टरों की टीम ने बाघिन को किया ट्रेंकुलाइज

सुबह चिरमिरी के हल्दीबाड़ी में बाघिन के देखे जाने से पूरे क्षेत्र में फैल गई थी दहशत

बाघिन को पिंजरे में बंद कर भेजा गया टाइगर रिजर्व पार्क

चिरमिरी । सुबह 10 बजे से बाघिन को पकड़ने के लिए लगी वन विभाग की टीम ने 6 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार सायं लगभग 4 बजे मध्यप्रदेश से भटककर चिरमिरी पहुंची बाघिन को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया ।
सरगुजा के वन संरक्षक के. आर. बढ़ाई ने जानकारी देतेभुए बताया कि पिछले एक सप्ताह से वन विभाग की टीम इस बाघिन की निगरानी कर रही थी.
बाघिन की गतिविधियों पर वन विभाग लगातार नजर बनाए हुए थी. टीम ने सोमवार की सुबह चिरमिरी शहर के पास से इस बाघिन को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया. बाघिन के शहर के करीब आने से स्थानीय लोगों में डर का माहौल बना हुआ था । वन विभाग ने विशेषज्ञों ने स्थानीय लोगों की मदद से स्थिति को नियंत्रित किया.
गौरतलब है कि मादा बाघ सप्ताह भर से नगर निगम चिरमिरी क्षेत्र में विचरण कर रही थी। रेलवे ट्रैक के आस-पास उसे अक्सर देखा जा रहा था। ऐसे में उसके ट्रेन से कटने की आशंका जताई जा रही थी। इसे लेकर वन विभाग द्वारा रेलवे प्रबंधन को भी पत्र लिखा गया था।
सोमवार को सरगुजा से वन संरक्षक वन्यप्राणी केआर बढ़ई की अगुवाई में बाघिन को रेस्क्यू करने कानन पेंडारी से डॉ. पी. के. चंदन, तमोर पिंगला एलीफेंट रेसक्यू सेंटर से डॉ. अजीत पांडेय व जंगल सफारी रायपुर से डॉ. वर्मा पहुंचे थे। उनकी निगरानी में सोमवार की शाम करीब 4 बजे बाधिन को रेस्क्यू कर सुरक्षित ले जाया गया।
चिरमिरी क्षेत्र में भटककर आई मादा बाघ को नगर निगम चिरमिरी के हल्दीबाड़ी बघनच्चा दफाई के पास जंगल में ट्रैकुलाइज किया गया। फिर उसे ग्रीन नेट से ढंककर पिंजरे में डाला गया। इसके बाद वन विभाग के ट्रक में लोड कर ले जाया गया।
ज्ञात हो कि सुबह बाघिन को हल्दीबाड़ी के बगनच्चा सफाई में देखे जाने के बाद कुछ लोगों ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया था, जिसके कारण सुबह से ही लोगों की भीड़ बाघिन को देखने के लिए बगनच्चा दफाई में उमड़ पड़ी थी । जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल भी लगाना पड़ा । पुलिस ने सुरक्षा की दृष्टि से कुछ घंटे तक रोड को डायवर्ट भी किया ।

रायपुर से निर्देश मिलते ही जंगल में छोड़ेंगे

वन संरक्षक वन्य प्राणी सरगुजा के. आर. बढ़ई ने बताया कि बाघिन का रेस्क्यू करने रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा से एक्सपर्ट डॉक्टर आए हैं। उनकी निगरानी में ट्रैकुलाइज कर सुरक्षित रेस्क्यू किया गया।बाघिन के गले में कालर आईडी भी लगाया गया है, जिससे उसके आगे के मूवमेंट की जानकारी वन विभाग को मिलती रहेगी । वन मुख्यालय रायपुर से निर्देश मिलने के बाद उसे सुरक्षित जंगल मे छोड़ा जाएगा।

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