बुरहानपुर (इक़बाल अंसारी)
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुनिल कुरील द्वारा अभियोजित महत्वपूर्ण बहुचर्चित प्रकरण में मा. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बुरहानपुर द्वारा आरोपीगण- 1 संजय पिता टीकमचंद, 2 हरगोविन्द पिता गोपाल, 3 यशवंत पिता दिगम्बार, 4 मनोज कुमार पिता ईश्वररलाल, 5 मनोज पिता रमाकंत, 6 लीलाधर पिता लहानु, 7 जयवंती पति अनिल , तीन- तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 6000 रू. के अर्थदण्ड से दण्डित साथ ही अन्य आरोपीगण 8 मनोज पिता किसनलाल, 9 अनंत पिता विश्वनाथ देशमुख, 10 ज्ञानेश्वर चन्द्रतकांत, तीन- तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 5000 रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।
सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुनील कुरील ने बताया कि, कार्यालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकरारी, जिला बुरहानपुर के पत्र क्र. न्याा.लि./2005/5420 दिनांक 26/07/2005 द्वारा सिटीजन को-आपरेटिव बैंक बुरहानपुर के अनंत नगर प्रकरण घोटाले की जांच की जाकर जांचकर्ता अधिकारी दिपक सक्सेना, संयुक्त कलेक्टर, बुरहानपुर द्वारा जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ। अनुसंधान के दौरान सिटीजन को-आपरेटिव बैंक के प्रभारी कार्यपालन अधिकारी, बैंक संचालक मण्डल के सदस्यो, आडिटकर्ता अधिकारी, रिजर्व बैंक के निरीक्षणकर्ता अधिकारी,अनंत के नाम से जिस जगर पर जमीन स्थित है वहां के पडोसीगण, क्रेतागण, नगरनिगम बुरहानपुर के प्रभारी आयुक्त एवं प्रकरण से संबंधित अन्य साक्षियों के विस्तृत कथन उनके बताये अनुसार लेख किये जाकर प्रकरण से संबंधित समस्त दस्तावेजों को प्राप्त कर उनका सूक्ष्म परीक्षण किये जाने पर यह तथ्य सामने आया कि, थाना लालबाग के ग्राम मोहम्मादपुरा में स्थित रकबा क्र. 271/1 एवं 271 की 98 हजार वर्गफीट भूमि मकान बनाने के नाम पर सिटीजन बैंक के 4 कर्मचारियों लीलाधर प्रजापति, मनोज सोनी, मनोज पटेल एवं संयज कक्कड़ द्वारा बैंक से 48,98,460/- रू. (अड़तालीस लाख अठ्ठानवे हजार चार सौ साठ रू.) असंवैधानिक रूप से आहरित किये । इन कर्मचारियों ने आहरित करने के लिये अपने आय- व्यय के संबंध मे परिवार के द्वारा पूर्व में लिये गये मकान संबंधी ऋण की बकाया राशि देय होने के बावजूद भी छिपाकर एवं गलत जानकारी देकर होने के बावजूद भी उक्त राशि आहरित की।
बैंक के लोन विभाग के कर्मचारी यशवंत मोरे द्वारा स्थल निरीक्षण न करते हुये भी स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन की टीप उक्त चारो कर्मचारियों की ऋण आवेदन संबंधी नस्तीयों में अंकित की जाकर बैंक के मुख्य कार्यापालन अधिकारी हरगोविंद यादव ने यह जानते हुये कि, दिनांक 30/05/2002 के संचालक मण्डल की बैठक में इन चारो कर्मचारियों के ऋण प्रकरण के संबंध में कोई निर्णय नहीं किया गया है, फिर भी उक्तं दिनांक के प्रोसेडिंग रजिस्टर में उक्त चारो कर्मचारियों के नाम से ऋण की राशि कूटरचना करते हुये अंकित कर दी गई।आरोपीगण लीलाधर प्रजापति और मनोज पटेल ने इकरारनामा तैयार करते समय 2651000/ रू. , 2600000/ रू. , 2997636 /- रू. के चैंक गलत तरिके से जारी किये थे जिस कारण से आरोपीगण के विरूद्ध सांठ-गांठ कर षडयंत्रपूर्वक दस्तावेजो में कूटरचना करते हुये छलपूर्वक व्यावसायिक लाभ कमाने के उद्देश्य से बैंक से रूपये 48,98,000/- रू. की राशि आहरित की जाकर अमानत में खयानत कर बुलढाणा के मनोज पंजाबी, ज्ञानेश्वर राजभुरे, अनंत देशमुख से मिलजुलकर उक्त अपराध किया है । सयुक्त कलेक्टर, जिला बुरहानपुर द्वारा प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के आधार पर थाना कोतवाली में अपराध क्रमांक 172/2005 अन्तर्गत धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 201, 34, भादवि के अन्तर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना उपरांत आरोपपत्र प्रस्तुत किया गया था। प्रकरण मे विचारण के दौरान आरोपी अनिल कुमार पिता भगवानदास की मृत्यु हो चुकी है।
प्रकरण में शासन की ओर से सफलतापूर्वक पैरवी सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री सुनील कुरील द्वारा की गई जिसके पश्चात, मा. न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा आरोपीगण को उक्त- धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी, 201, 34, भादवि के अन्तर्गत 1 संजय पिता टीकमचंद, 2 हरगोविन्द पिता गोपाल, 3 यशवंत पिता दिगम्बर, 4 मनोज कुमार पिता ईश्वरलाल, 5 मनोज पिता रमाकंत, 6 लीलाधर पिता लहानु, 7 जयवंती पति अनिल , तीन- तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 6000 रू. के अर्थदण्ड से दण्डित सात ही अन्य आरोपीगण 8 मनोज पिता किसनलाल, 9 अनंत पिता विश्वनाथ देशमुख, 10 ज्ञानेश्वर पिता चन्द्रकांत, तीन- तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं 5000 रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया ।