चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र में बाघ का आतंक, दहशत में लोग…

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अंजन मुखर्जी, ब्यूरो चीफ {छत्तीसगढ़}  middaymirror.com

चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र में आधे से ज्यादा स्ट्रीट लाइट ना जलने एवं जंगली क्षेत्र होने के कारण आए दिन भालू, लकड़बग्घा आदि जानवर शहरी क्षेत्रों में चलते फिरते हुए देखा जा रहा था।पर अब नगरनिगम की वार्ड नंबर 1 (एक) में बीते 11 दिसम्बर की रात करीब नौ बजे एक धारी वाले बाघ ने मौहरी डांड के फूलमती यादव और रवि कुमार यादव के डेयरी के नजदीक से उनके बैल को मार कर नजदीक की जंगल में ही बैठकर खा डाला।

रवि कुमार अपने मां फूलमती,सालभर पहले शादी किए बहू और महिने भर पहले पैदा हुए अपने लड़के के साथ कच्चा मकान में रहते हैं।रात को बैल का आर्तनाद सुनकर उन लोग बड़े अनहोनी का अंदाज़ कर लिएं थे।

पर घर में छोटा बच्चा होने के कारण रात के अंधेरे में बाहर निकलना उचित नहीं समझे,जिसके चलतें उनके परिवार वालों के साथ अनहोनी होने से बाल बाल बचा।

सुबह होने पर जब दो चार लोग मिलकर बैल को खोजने गए तो नजदिक में ही मरा हुआ बैल और उसके नजदीक में बैठे बाघ उन्हें दिख गया।सारे लोग बाघ को देखकर जुते चप्पल छोड़ कर किसी तरह भागकर अपने जान बचाएं।फिर उनके पास ड्रोन कैमरा था, जिससे उस बाघ और मरे हुए बैल का फ़ोटो लिए और फारेस्ट विभाग को सूचना दिया गया।

सूचना पाते ही फारेस्ट विभाग के गार्ड और आला अधिकारियों ने उपस्थित हो कर कोई बाघ के नजदीक ना जा पाएं इसलिए कच्चे रोड के दोनों तरफ बेरिकेडिंग करके बड़े संख्या में फारेस्ट गार्ड खड़े करवा दिए।

पत्रकार के द्वारा पुछे जाने पर फारेस्ट विभाग के अधिकारी के द्वारा कहा गया कि जबतक कोई बाघ आदमखोर नहीं बनता है तब तक उसे पिंजरे में बंद या ट्रेंकुलाइज नहीं किया जाता है।बस इंतजार किया जाएगा उस बाघ का दुसरे जगह चले जाने का।

और इस तरह जबतक बाघ दुसरे जगह चले ना जाए पुरे चिरमिरी नगरनिगम क्षेत्र बाघ का आतंक का साए में रहने के लिए मजबूर रहेगा।

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