बस यात्रियों के समस्याओं को दूर करने परिवहन सचिव से की मुलाकात- डोमरू रेड्डी
(यात्री बसों में सफर के दौरान आये दिन आम यात्रियों को होने वाले दिक्कतों को लेकर पूर्व महापौर डोमरू रेड्डी ने परिवहन सचिव से मुलाकात कर, यथोचित कार्यवाही की मांग की)
चिरमिरी – कोरोना के समय यात्री बसों में यात्रा करने को लेकर सोशल डिस्टेंस के नाम पर बसों में एक भरे सीट के बगल वाले खाली सीट का भी किराया वसूलने के साथ ही यात्री बसों में किये जाने वाले माल ढुलाई की तात्कालीन व्यवस्था को बस संचालकों ने नियमित कर लिया है, जिससे यात्रियों को विभिन्न समस्याओं से दो – चार होना पड़ता है। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न कोनों में इस समय बसों में अनिवार्य रूप से लगने वाले किराया सूची का भी कहीं कोई अता – पता नहीं है। रेल सुविधा से वंचित बहुतायत क्षेत्रों में प्रदेश के आम एवं आर्थिक रूप से कमजोर गरीब तबके वाले नागरिकों के यात्रा के लिए प्रमुख साधन के रूप में प्रयोग किये जाने वाले इस बस सेवा के व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की मांग की गई है।
यात्री बसों में बरते जा रहे इन अनियमितताओं से यात्रियों को होने वाले व्यवहारिक समस्याओं से रूबरू कराते हुए चिरमिरी नगर निगम के पूर्व महापौर के. डोमरू रेड्डी ने मंत्रालय में छत्तीसगढ़ शासन के परिवहन सचिव एस. प्रकाश से मुलाकात कर, इन समस्याओं के निराकरण की मांग रखी है। श्री रेड्डी ने कहा है कि चूंकि बस गरीब नागरिकों के सुलभ यात्रा का प्रमुख साधन है, इसलिए इनमें आ रही ऐसी दिक्कतों का निराकरण किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि आम नागरिकों के सुविधाओं के लिए ध्यानाकर्षित कराने वाले इन विषयों को सचिव साहब ने गंभीरता से लिया है और शासन के दिशा निर्देशों के तहत यथोचित कार्यवाही करने हुए समस्याओं का समाधान करते हुए, आम नागरिकों के लिए मिलने वाले सुविधाओं को सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है।
पूर्व महापौर ने शासन का ध्यानाकर्षण कराते हुए कहा है कि कोरोना काल मे यात्रियों की मजबूरी का फायदा उठाते हुए पहले बस संचालकों ने यात्रियों से खाली सीट का भी पैसा वसूल किया और बाद में कोरोना के हट जाने के बाद भी उसी बढ़े हुए किराये के अनुपात में आज भी किराया बसूला जा रहा है, जिस ओर न तो विभाग का ध्यान है और न ही शासन के जनप्रतिनिधियों का। पत्र में कहा गया है कि हमारे प्रदेश के सड़क मार्ग से यात्री बसों में प्रतिदिन लाखों की संख्या में सफर कर रहे आम नागरिकों से बस परिचालन में लगे व्यवस्थापकों के द्वारा खुलेआम लूट किया जा रहा है, जिसे रोका जाना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि बिना किराया सूची के बेधड़क चलाने वाले बसों में किराया सूची लगाया ही नहीं गया है और आज कल तो बसों को व्यावसायिक उपयोग वाले समान ढोलाई का प्रमुख साधन बना लिया गया है, नियम कानूनों की परवाह किये बगैर, बेधड़क रूप से परिवहन किये जा रहे हैं और इसे देखने वाला कोई नहीं है। इसमें टायर, मोटर पार्ट्स सहित बड़े – बड़े बण्डल लाये ले जाये जा रहे हैं। कई बार तो यात्रियों के समान को रखने तक के लिए डिक्की में जगह नहीं बचती और सामान उतारने चढ़ाने की हड़बड़ी के दौरान सड़क किनारे चल रहे दूसरे वाहनों व राहगीरों को नुकसान होते – होते भी रह जाता है। परिणामस्वरूप कई बार यात्री और बस कंडक्टरों के बीच कहासुनी भी होती रहती है।
श्री रेड्डी ने कहा है कि परिवहन सचिव से हुई बातचीत काफी सकारात्मक रही है और किराया सूची लगाने सहित बसों के रूट चार्ट के डिजिटलाईजेशन को लेकर प्रदेश सरकार नए एप लाने की तैयारी कर रही है, जिससे किस रूट में किस – किस समय कौन – कौन सी बस है, क्या किराया है, ये सब की जानकारी मोबाइल पर ही यात्रियों को मिल सकेगी।