दिल्ली यूनिवर्सिटी से प्रो. सौरभ सराफ विषय विशेषज्ञ के रूप में हुए सम्मिलित
रायगढ़। शहीद नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से सम्बद्ध जिले के किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान (अग्रणी) महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग द्वारा प्राचार्य डॉ. प्रीतिबाला बैस के कुशल मार्गदर्शन और विभागाध्यक्ष प्रो. उत्तरा कुमार सिदार के निर्देशन में दिनांक 4 नवम्बर एवं 5 नवंबर 2024 को दो दिवसीय व्याख्यान माला का आयोजन स्नातकोत्तर भवन में किया गया। जिसमें विषय विशेषज्ञ के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय से सम्बद्ध मोतीलाल नेहरू महाविद्यालय, नई दिल्ली में सहायक प्राध्यापक हिन्दी के रूप में पदस्थ श्री सौरभ सराफ उपस्थित रहे। सर्वप्रथम माता सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर आयोजन की विधिवत शुरुआत की गई। तत्पश्चात विभागाध्यक्ष श्री उत्तरा कुमार सिदार का स्वागत वक्तव्य हुआ। उन्होंने सौरभ सराफ का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे लिए यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि हमारे इस महाविद्यालय के विद्यार्थी और बाद में अतिथि व्याख्याता के रूप में यहां कार्य कर चुके सौरभ आज देश के सबसे प्रतिष्ठित दिल्ली विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। विभाग के विद्यार्थियों को पाठ्यक्रम के साथ ही नेट, सेट एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मार्गदर्शन भी उनके द्वारा निरन्तर प्राप्त होता रहा है। आज हमारे लिए यह बहुत खुशी का विषय है कि हमारे बीच के व्यक्ति को ही हम विषय विशेषज्ञ के रूप में सुन रहे हैं। उन्होंने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को इस व्याख्यान माला से जुड़ने हेतु प्रेरित किया और इस व्याख्यान माला के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए बताया कि व्याख्यान माला में इन दो दिनों में स्नातकोत्तर प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम से सम्बन्धित प्रश्नपत्र भाषा विज्ञान और आधुनिक हिंदी काव्य पर विस्तृत रूप से परिचर्चा होगी। विभागाध्यक्ष के स्वागत उद्बोधन के पश्चात विषय विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित प्रो. सौरभ का व्याख्यान हुआ। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए अपने दिल्ली विश्वविद्यालय पहुँचने तक के सफर को अत्यंत संक्षिप्त रूप से बताते हुए किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय विशेषकर स्नातकोत्तर हिंदी विभाग से प्राप्त शिक्षा और संस्कार के योगदान को रेखांकित किया। सेवानिवृत्त प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉ. मीनकेतन प्रधान को इस अवसर पर स्मरण करते हुए उनके कुशल कार्यकाल और मार्गदर्शन के प्रति उन्होंने आभार प्रकट किया। दिनाँक 04 नवम्बर 2024 के अपने व्याख्यान में महाकवि जयशंकर प्रसाद की महत्वपूर्ण सर्जना ‘कामायनी’ की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। छायावाद की इस रचना का तत्कालीन स्वंतत्रता आंदोलन और आज के परिप्रेक्ष्य में मानव जीवन के असंतुलित होने पर उससे घटित त्रासदी पर अपने विचार रखे। कामायनी का कथासार, प्रतीक योजना एवं दर्शन पर विस्तृत चर्चा उन्होंने अपने व्याख्यान में की। इसी कड़ी में दिनाँक 05 नवम्बर 2024 के उनके व्याख्यान का विषय भाषा विज्ञान पर केंद्रित रहा। उन्होंने भाषा की परिभाषा और स्वरूप का विश्लेषण करते हुए वर्ण एवं शब्दों पर प्रकाश डाला। ध्वनि विज्ञान, पद विज्ञान, वाक्य विज्ञान और अर्थ विज्ञान का संक्षिप्त परिचय देते हुए एक दूसरे से उनके अंतर्संबंधों को भी रेखांकित किया। उनके व्याख्यान उपरांत विभाग की वरिष्ठ सदस्य डॉ. रवींद्र कौर चौबे ने इस व्याख्यान माला के निहित लक्ष्यों के पूर्ण होने की बात कही एवं अतिथि व्याख्यान के लिए आये विषय विशेषज्ञ को शुभकामनाएं दी। प्रो. लक्षेश्वरी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि हमारे आज के विषय विशेषज्ञ सौरभ इसी महाविद्यालय के अंग हैं इसलिए विद्यार्थी निरन्तर उनका लाभ उठाते रहें। तदोपरांत विद्यार्थियों के शंका समाधान के लिए प्रश्नोत्तर सत्र भी संचालित हुआ। जिसमें अनेक विद्यार्थियों द्वारा प्रश्न पूछे गए और प्रो. सौरभ ने उनके उत्तर दिए। अंत में अतिथि व्याख्याता डॉ. सरिता भगत ने आभार प्रकट किया। इस आयोजन में प्रो. उत्तरा कुमार सिदार, डॉ. रवींद्र चौबे, डॉ. लक्षेश्वरी, डॉ. सरिता भगत, श्री भरत लाल मेहर एवं स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के प्रथम एवं तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थियों नवीन कुमार दुबे, नंदकिशोर पैंकरा, सुशील मिंज, कौशल्या यादव, प्रीति पटेल, सुनीता सिदार, सचिन डनसेना, अनुसुईया गुप्ता, अंकिता गुप्ता, निशा साव, प्रीति गुप्ता, दुर्गा पटेल, कविता भगत , हरिप्रिया गुप्ता, विरेंद्र प्रधान, देवेंद्र प्रधान, नंदिनी किसान, जया कश्यप, अमिषा चौहान, सपना गुप्ता, धनमती साव, आकृति, ममता इत्यादि सभी की सक्रिय सहभागिता रही। कार्यक्रम के समापन पर हिंदी विभाग द्वारा प्रो. सौरभ सराफ को पौधा भेंट कर ससम्मान आभार व्यक्त किया गया। मंच संचालन तृतीय सेमेस्टर के विद्यार्थी नवीन कुमार दुबे ने किया।