एमबीबीएस प्रवेश विवाद में झुकने जा रहे हैं भूपेश बघेल…?

Text Size:

कुछ देर में छग शासन की कैबिनेट बैठक होने जा रही है| कल रविवार 6 अगस्त को चिकित्सा शिक्षा विभाग अपनी तय समय सारणी से हट गया और एमबीबीएस की पहली अलॉटमेंट लिस्ट जारी नहीं हुई| भूपेश समर्थित आदिवासी संगठनों सर्व आदिवासी समाज भारत सिंह गुट और छात्र संगठन बबीता तिर्की गुट ने पिछले दो दिनों में मजबूर होकर प्रेस वार्ता और बूढा तालाब पर प्रदर्शन किया| जून के पहले हफ़्ते से योगेश कुमार ठाकुर गुट के आदिवासी युवाओं द्वारा पहले एचएनएलयू लॉ यूनिवर्सिटी और फिर एमबीबीएस में अवैध 16-20-14 आरक्षण रोस्टर का विरोध किया जा रहा था| आरोप रहा है कि चुनावी फ़ायदे के लिए कांग्रेस और भाजपा का ओबीसी नेतृत्व आदिवासियों को अपमनित कर रहा है| हाई कोर्ट के 19 सितंबर 2022 के गुरु घासीदास अकादमी फ़ैसले के बाद सात महीनों तक भूपेश बघेल सरकार ने आदिवासी हित में अंतरिम राहत का सवाल भरसक टालने की कोशिश की थी| 1 मई को सुप्रीम कोर्ट से सिर्फ़ लोक सेवा में 12-32-14 आरक्षण रोस्टर से भर्तियां करने की अंतरिम राहत मिली थी| यह राहत इस निवेद्न पर दी गई थी कि आरक्षण पूरी तरह शून्य हो गया है और प्रशासन के लिए मानव संसाधन की कमी हो रही है| अब अगर छग शासन बिना किसी नई आरक्षण नीति के 16-20-14 आरक्षण रोस्टर के प्रयोग को वैध होने का दावा करता है तो इसका मतलब होगा कि उसने सुप्रीम कोर्ट में झूठा शपथ पत्र दिया था| 9 मई को सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने सर्कुलर में मान लिया था कि शिक्षा में फ़िलहाल एससी-एसटी-ओबीसी का कोई आरक्षण नहीं है| तब से अब तक सामान्य प्रशासन विभाग ने स्थिति में बदलाव होने का कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है| तब फिर किस अधिकार से चिकित्सा शिक्षा एवं अन्य विभाग 16-20-14 आरक्षण रोस्टर का प्रयोग कर रहे हैं| सत्र 2022 में भी भूपेश बघेल सरकार ने आदिवासी युवाओं के विरोध को नजर अंदाज करते हुए अवैध 16-20-14 आरक्षण रोस्टर से ही एमबीबीएस में प्रवेश दिया था| पिछले हफ़्ते ही प्रवेश प्रक्रिया के बीच अचानक स्वास्थ्य मंत्रालय ने अचानक आयुक्त चिकित्सा शिक्षा राजीव अहिरे को हटा कर पुष्पा साहू को नियुक्त किया था| अब भूपेश समर्थित आदिवासी संगठनों द्वारा सामाजिक अपमान के दबाव में विरोध किए जाने को छग शासन द्वारा पीछे हटने की भूमिका के तौर पर देखा जा रहा है| यह योगेश कुमार ठाकुर और उनकी लीगल टीम की आदिवासी हित में भारी जीत हो सकती है|

संपर्क करें
Call Now