रतलाम – वर्तमान में परिवार में मूल भूत सुविधा होने के बावजूद भी परिवार को और सुविधा की लालसा लगी रहती है किंतु उनको यह पता नही रहता है की यह लालसा अब दुख भरी और जीवन को सही तरीके से जीने पर भी मजबूर कर देगी , एक ऐसा ही ताजा मामला धार जिले के थाना बदनावर क्षेत्र का है जहा से लगा हुआ सनावदा गांव है जहा रहने वाले अजय पंवार की शादी अर्चना डाबी निवासी खेरवास जिला धार नामक युवती से हुई थी,पति अजय और पत्नी अर्चना एक साथ अपने घर रहते थे , कुछ माह बाद अर्चना की सास अर्चना को ताना मारती थी की तेरे घर वालो ने दहेज काफी कम दिया है तथा बाद में फिर परिवार वाले मारपीट करने लगे
जिस से मृतक अर्चना अपने माता पिता के घर आ गई और वही रहने लगीं ,बाद में मृतक की सास घर लेने आई जिस पर हमने अर्चना को उसके साथ भेज दिया गया , बाद में सूचना मिली कि अर्चना को एसिड पिलाया गया है वह गम्भीर घायल है। . तथा जिस को इलाज के लिए बड़नगर स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया जहां कुछ दिन इलाज चल रहा था जिसके बाद अर्चना ने दम तोड दिया जिसके बाद उसकी मृत्यु हो गाई
यह आरोप मृतका अर्चना के भाई ने पुलिस को दिए बयान के आधार पर बताया गया है कि उसके बाद अर्चना ने मुझे बताया था कि मेरी सास सीमाबाई एवं पति अजय दोनो बोलते हैं कि तेरे माँ बाप ने दहेज मे मुझे बहुत कम सामान दिया है तथा छोटी छोटी बात को लेकर आये दिन मेरे साथ झगड़ा, गाली गुप्ता व मारपीट करते थे। इसी कारण मेरी बहन हमारे घर आ गई थी। मेरी बहन अर्चना करीबन दो माह मेरे घर रही उसके बाद 03 जून को अर्चना के ससुराल वाले अर्चना को लेने के लिये आये थे तो हमने भेजने से मना कर दिया था। उसके बाद दिनांक 05 जून को उसकी सास सीमाबाई बहन अर्चना को लेने आई थी। हमने बहन को समझ बुझा कर उसकी सास के साथ भेज दिया था। दिनांक 12 जून को मैं अपनी पनि पायल का इलाज कराने आया था । तभी करीबन सनावदा के धर्मेन्द्र जिसे मेरी बहन को खोल बिठाई थी का फोन मेरे मोबाईल पर आया और बोला कि अर्चना ने घर पर एसिड पी लिया है। तुम जल्दी समावदा आ जाओ
फिर मैने मेरी मम्मी को फोन कर यह बात बताई। और सनावदा के लिये बडनगर से निकल गया। रास्ते मे रसुलाबाद के पास धर्मेन्द्र बीच मे अर्चना व पीछे उसकी सास सीमाबाई बैठकर मोटरसाइकिल से आये फिर हम अर्चना को गीता अस्पताल नगर लेकर गये। जहां पुलिस भी आ गई थी। किन्तु मेरी बहन अर्चना बयान देने कि स्थिति में नहीं थी । इसलिये बयान नहीं हो सके। गीता अस्पताल मे मेरी मां छोटी बहन पूजा, जमाई अक्षय आ गये थे । अर्चना बेहोश हालात में बी व बोल नही रही थी। फिर हमने अर्चना की साम को बोला कि हम तुम्हारी थाने में रिपोर्ट करेंगे। । तुम लोगों ने अर्चना को दहेज के लिये इतना प्रताडित किया की उसे एसिड पीना पड़ा। उसके बात बहन को करीबन रात 8-9 बजे गीता अस्पताल बडनगर से अरविंदो अस्पताल इंदौर ईलाज के लिये रेफर कर दिया था। दिनांक 12 जून से 16 जून तक अर्चना का अरविंदो अस्पताल इंदौर में ईलाज चला। मेरी बहन के इलाज के लिये मै तथा उसकी सास सीमाबाई मेरे घर ग्राम खेरवास अर्चना की रकम आधा किलो के कडे 300 ग्राम का कंदीरा चादी के लेकर बड़नगर मे 65000 रुपये में गिरने से रखकर अरविंदो अस्पताल मे इलाज हेतु लेकर गये थे। उसके मामा ससुर ने बोला कि अर्चना का अच्छा ईलाज कराने के लिये बडोदा गुजरात से चलते है यहाँ से छुट्टी करा लेते हैं। फिर उसके मामा ससुर ने अर्चना की छुट्टी करा दी। छुट्टी कराकर अर्चना को ग्राम सनावदा से जा रहे थे। सांवेर के पास अर्चना की मृत्यु हो गई है। हमने जमाई अजय एवं सीमाबाई को बोला कि अर्चना के शव को अंतिम संस्कार के लिये हमारे गाँव ले जायेंगे तो उन्होंने मना कर दिया व लड़की के शव को सीधे गांव सनावदा ले जाकर दिनांक- 17 जून को अंतिम संस्कार कर दिया था । मेरी बहन अर्चना को उसके ससुराल वाले पति अजय व साम सीमाबाई द्वारा दहेज के लिये प्रताडित करते व मारपीट करते रहते थे। मेरी बहन अर्चना ने पति व साम के व्दारा दहेज के लिये अत्यधिक प्रताड़ित करने से परेशान होकर एसिड पी लिया जिससे उसकी मौत हो गई
किंतु पुलिस द्वारा अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है