खदान प्रभावित गांव ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट, किसान सभा ने दी 6 मार्च को कार्यालय घेराव की चेतावनी

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कोरबा। ढेलवाडीह कोयला खदान से प्रभावित गांव ढपढप और कसरेंगा में पेयजल संकट गहरा गया है। इसका समाधान करने के लिए छत्तीसगढ़ किसान सभा के नेतृत्व में आज कोरबा महाप्रबंधक के नाम ढेलवाडीह सब एरिया प्रबंधक को ज्ञापन सौंपा गया और दोनों गांवों में पाईप लाईन के माध्यम से घर-घर पेयजल सप्लाई सुनिश्चित करने, तालाबों में खदान का पानी भरने, बिगड़े बोरवेल पंपों को सुधारने, खनन से कुंओं और घरों को पहुंचे नुकसान के कारण प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा देने तथा ढपढप सीमेंट कांक्रीट सड़क का निर्माण कराने की मांग की गई।

ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर, प्रशांत झा, सुभद्रा, बुधवारो बाई, मत कुंवर, सुनीला, मंगली बाई, शांति बाई, रामायण बाई, कृष्णा बाई, अधीना, राजमती, टिकैतिन, सुमेन्द्र सिंह कंवर, दामोदर श्याम, नरेंद्र यादव आदि शामिल थे। समाधान नहीं होने पर किसान सभा ने 6 मार्च को सब एरिया कार्यालय ढेलवाडीह का घेराव करने की चेतावनी भी दी है।

उल्लेखनीय है कि कोयला के अंधाधुंध और अनियोजित खनन के कारण ढपढप और कसरेंगा में जल स्तर काफी नीचे चला गया है और सभी कुंएं, तालाब व बोरवेल सुख गए हैं। कई घरों में दरारें पड़ गई है। किसान सभा नेता प्रशांत झा और जवाहर सिंह कंवर ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल प्रबंधन इस क्षेत्र से केवल मुनाफा बटोर रहा है और उसे पेयजल व निस्तारी जैसी आम जनता की बुनियादी सुविधाओं से कोई लेना-देना नहीं है।

किसान सभा के नेता और ढपढप पंचायत के पंच नरेंद्र यादव और कंवल सिंह बिंझवार ने बताया कि प्रबंधन को कई बार समस्या से अवगत कराया गया है। वहीं राजमती और रामायण बाई ने कहा कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा पिछले साल खाना पूर्ति के नाम पर टैंकर चलाया गया था, जो नियमित नहीं आता था और सभी ग्रामीणों को पानी नहीं मिलता था। जो पानी दिया जाता था, वह पानी पीने योग्य भी नहीं रहता था।

किसान सभा नेताओं ने कहा है कि गांव में पानी की आपूर्ति के साथ सभी मांगो पर सकारात्मक कार्यवाही नहीं की जाती, तो 6 मार्च को कार्यालय में तालाबंदी करते हुए घेराव किया जाएगा।

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