नई दिल्ली रिपोर्ट/रागिब अली...
गाजियाबाद से भारतीय जनता पार्टी के बयानवीर विधायक जो अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए जाने जाते हैं हाल ही में उन्होंने एक बड़ा विवादित बयान दिया है। जिसमें वह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि बिजली चेकिंग के नाम पर कालोनियों में कोई फर्जी चेकिंग करने आता है तो तुरंत उन्हें मौके पर मार दो,, और अगर तुम मार ना पाऊं तो हमें बुला लो हम उन्हें मार देंगे, इस तरह की बयानबाजी को किसी भी रूप में सही नहीं ठहराया जा सकता, पर वह अपनी इसी भाषा शैली के लिए जाने जाते हैं। अपने एक इंटरव्यू में वह कहते हुए दिखाई पड़ रहे हैं कि बिजली चेकिंग के दौरान कुछ अराजक तत्व फर्जी आई कार्ड के साथ बिजली कर्मी बनकर कालोनियों में घूम रहे हैं जिसकी वजह से एक दो जगह पर कुछ घटनाएं भी देखने को मिली है।
गाजियाबाद लोनी से विधायक नंदकिशोर गुर्जर जो अपनी इस भाषा शैली के लिए विख्यात है उन्होंने कॉलोनी वासियों को एड्रेस करते हुए कहा कि कोई भी बिजली चेकिंग के नाम पर कॉलोनी में आता है तो उसको बैठा लो उनका आई कार्ड चेक करो और अगर वह फर्जी है तो उन्हें मार दो बाकी हम देख लेंगे अब सवाल यह उठता है कि उत्तर प्रदेश में बाबा आदित्यनाथ योगी जी की सरकार के एक विधायक द्वारा कही गई इन बातों से जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा, एवं उन्हें खुद उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर विश्वास नहीं है।जिसकी वजह से वह आम लोगों को और बरगलाने का कार्य कर रहे हैं।
इस पर एक बड़ा प्रश्न यह लगता है कि अगर यह सब इस तरीके से किया जाएगा तो फिर कानून अपना काम क्या करेगा। उनके द्वारा दिया गया यह अराजकता पूर्ण बयान किसी भी मायने में सही नहीं कहा जायेगा जबकि फर्जी चेकिंग को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन पहले से ही मुस्तैद है लेकिन इस तरीके की अगर कोई घटना भी होती है तो भी किसी को किसी की जान लेने का कोई अधिकार नहीं। उसके लिए कानूनी रूप से जो प्रावधान है उसी से उन पर कार्रवाई की जाए। लेकिन यह महाशय विधायक जी अपने इन्हीं कुकृत्य बयानों से समाज में सनसनी फैलाने का कार्य करते हैं और आए दिन इनकी वाणी से यह अनमोल रत्न टपकते रहते हैं इस तरह की बातचीत या बयानबाजी किसी भी पार्टी या संगठन में एक सभ्य समाज के लिए बहुत ही निंदनीय कही जाती है।
लेकिन नन्द किशोर गुर्जर अपने इन्हीं बयानों से प्रसिद्ध हैं जिसको लेकर उन्हें पिछले बयानों की तरह इस बयान पर भी कोई पछतावा नजर नहीं आता अब आगे काम कानून और प्रशासन का है कि वह उनके इस बयान को किस नजरिए से देखता है।