भारत में फैलता ऑनलाइन सट्टेबाजी का मकड़जाल, कितना वैध कितना अवैध..?

Text Size:

नई दिल्ली:रिपोर्ट/एस आर अली

देश भर में फैले हुए ओनलाइन गैम्स सट्टेबाजी के कारोबार में हमारे देश की अर्थव्यवस्था को तो नुकसान पहुंचा ही रही हैं बल्कि हमारे देश की युवा पीढ़ी को भी अंधकार में धकेल रही हैं। ओनलाइन सट्टेबाजी में वैध अवैध सट्टेबाजी के बीच में एक बारीक लाइन है जिसको समझना बहुत जरूरी है।इस अवैध सट्टेबाजी से हमारे देश को कई लाख करोड़ रुपए के टैक्स का नुक़सान हर साल उठाना पड़ रहा है वहीं हमारी युवा पीढ़ी भी इसकी चपेट में है।जो कुछ पैसे लगाकर ज्यादा पैसा कमाने की चाहत में फंसे हुए हैं।

हमारे देश के कानून में दो तरीके बताए गए हैं वैध और अवैध सट्टेबाजी के। जिसमें से गैम्स आफ स्किल को वैध करार दिया गया है और एक गैम्स आफ चांस जिसे पूरी तरह से अवैध सट्टेबाजी माना गया है। किसी एप पर हम ओनलाइन क्रिकेट मैच से पहले एक टीम बनाकर अपनी पसंद के उसमें खिलाड़ी रख कर सट्टा लगाते हैं और उनके पर्फार्मेंस के हिसाब से हमें प्वाइंट प्राप्त होते हैं और फिर वह प्वाइंट जीती हुई रकम में तब्दील होते हैं,तो वह कानून के हिसाब से कहलाता है गैम्स आफ स्किल जो हमारे देश में वैध सट्टेबाजी है। जिसमें ओनलाइन एप् कम्पनियां 18% जीएसटी के माध्यम से को राजस्व की देती हैं।

और एक होता गैम्स आफ चांस जिसमे मेच शुरू होने से पहले ओनलाइन सट्टेबाजी में शामिल कम्पनियां सीधे खेल की हार जीत पर पैसा लगवाती हैं तो वह कहलाता है गैम्स आफ चांस जो कि पूरी तरह अवैध सट्टेबाजी है

ज्यादातर टैक्स हैवन कंट्री से संचालित होता है अवैध सट्टेबाजी का कारोबार

इसके अलावा कुछ विदेशी कम्पनियां आपकी जीती हुई रकम में से बिना टैक्स की राशि चुकाए आपको गैम्स खिलवा रही हैं और वह आपको कहती हैं कि हम आपको आपकी जीती हुई पूरी रकम आपको देंगे वह भी बिना कोई टैक्स दिए।

एक वेबसाइट के हालिया सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि देश में इस अवैध ओनलाइन सट्टेबाजी के कारोबार में कई विदेशी ओनलाइन गैम्स एप्प कम्पनियां सीधे भारत में कारोबार कर रही हैं। जिससे देश की अर्थव्यवस्था के साथ साथ हमारे देश की नई पीढ़ी को भी नुकसान पहुंच रहा है। हमारे देश में इसको रोकने के लिए एक व्यापक कानून लाने की जरूरत है। तथा इसकी देखभाल के लिए एक रैगुलेटरी कमेटी के गठन की आवश्यकता है। जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था की क्षति होने से रोका जाए तथा इसके दुष्प्रभाव से युवाओं को बचाया जा सके।

संपर्क करें
Call Now