बुआ और बबुआ फिर आ सकतें हैं साथ,सपा सम्मेलन में अखिलेश ने दिये संकेत।

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रिपोर्ट/रागिब अली…

समाजवादी के राष्ट्रीय सम्मेलन में कई तरह की बातें निकल कर आ रही है जिसमें प्रमुख संदेश सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की और से ही यह इशारा मिल रहा है कि समाजवादी पार्टी मायावती के साथ 2024 में होने वाले चुनाव मै एक मजबूत गठबंधन कर सकती है।

अपने शुरुआती भाषण में इस सम्मेलन में अखिलेश यादव ने 2019 के लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि हम समाजवादियों का सपना है कि बहुजन समाज के लोगों के साथ मिलकर देश में टकराव पैदा करने वाली शक्तियों को आने वाले चुनाव में हराएं जो सपना प्रखर समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया व बहुजन समाज से आने वाले भारतीय संविधान के रचयिता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी ने साथ मिलकर देखा था हम समाजवादियों का भी सपना यही है कि अधिक से अधिक संख्या में बहुजन समाज और समाजवादी लोगों के साथ मिलकर नए भारत की नीव रखने का काम करें।

हम समाजवादियों ने 2019 में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और राम मनोहर लोहिया जी के सपने को साकार किया जो उस समय साथ नहीं आ पाए लेकिन 2019 में हमने त्याग करके गठबंधन किया और देश को एक नई दिशा की ओर ले कर गए 2019 और 2022 के चुनाव में हमने भारतीय जनता पार्टी का डटकर मुकाबला किया हम सीटें उम्मीदों के मुताबिक नहीं जीत पाए लेकिन वोट शेयर में हमने बहुत अधिक सफलता प्राप्त की और आज भी समाजवादी पार्टी पूरा डटकर भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करेगी।

उन्होंने अपने इस उद्भघोषण में कई बार बाबा साहब भीमराव अंबेडकर और बहुजन समाज का नाम लिया। अब आने वाला समय ही बताएगा कि 2024 में भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले पर सपा व बसपा चुनाव में गठबंधन के साथ जाती है या नहीं पिछले कुछ दिनों से सपा बसपा दोनों ही दलों में कुछ बर्फ पिघली है यह संकेत क्या बताते हैं यह आने वाला समय बताएगा।

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